महानाटक चालू आहे / हयात होटल में विधायकों परेड से पहले फडणवीस ने बैठक की; डिप्टी सीएम की कुर्सी खाली थी

  • जब फ्लोर टेस्ट के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही थी, तभी शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा ने राज्यपाल को 162 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा

  • इससे पहले तीनों दलों ने सुप्रीम कोर्ट में 154 विधायकों का हलफनामा पेश किया था, जो उन्हें वापस लेना पड़ा

  • शनिवार से लापता राकांपा के तीन विधायक सोमवार को दिल्ली से मुंबई लौट आए, उन्होंने शरद पवार के प्रति अपना समर्थन जताया

  • शरद पवार ने कहा- अजित की बगावत के पीछे मेरा हाथ नहीं, उस पर फैसला पार्टी स्तर पर लिया जाएगा


 

मुंबई/नई दिल्ली. विजय तेंडुलकर के एक चर्चित नाटक का शीर्षक है- 'शांतता! कोर्ट चालू आहे' यानी शांत रहिए, अदालत की कार्यवाही जारी है। महाराष्ट्र में पिछले तीन दिन से जारी घटनाक्रम कुछ ऐसा है। देश की सर्वोच्च अदालत महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग पर मंगलवार सुबह 10:30 बजे अपना फैसला सुनाएगी। इससे पहले, रविवार-सोमवार दोनों दिन सुनवाई हुई। देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के शनिवार अलसुबह गुपचुप शपथ ग्रहण के खिलाफ शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस मिलकर शनिवार रात तक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। उधर, संसद में भी इस मुद्दे पर खूब हंगामा होता रहा। इस बीच, महाराष्ट्र के राजनीतिक किरदारों का महानाटक जारी है। विधायक होटलों की अदला-बदली और परेड में मशगूल हैं। शिवसेना के संजय राउत कह रहे हैं कि शाम 7 बजे ग्रैंड हयात होटल में सभी 162 विधायक साथ होंगे, राज्यपाल आएं और खुद देख लें। हम एक हैं और साथ-साथ हैं। विधायकों की परेड से पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बैठक ली, लेकिन बैठक में डिप्टी सीएम अजित पवार की कुर्सी खाली दिखाई दी।


महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई के दौरान ही शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को 162 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा। हालांकि, तीनों दलों ने पहले भी सुप्रीम कोर्ट में 154 विधायकों का हलफनामा सौंपा था, जो उन्हें वापस लेना पड़ा था। उधर, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी लाइन से अलग जाकर डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने वाले अपने भतीजे से पल्ला झाड़ लिया। शरद पवार ने कहा कि अजित की बगावत के पीछे मेरी कोई भूमिका नहीं है। 


देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार सुबह राज्यपाल के सामने सीएम पद की शपथ ली थी और उनके साथ अजित ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। इसके अगले दिन अजित ने कहा था कि वे राकांपा में थे और रहेंगे। साथ ही यह भी कहा था कि भाजपा-राकांपा गठबंधन राज्य में स्थिर सरकार देगा। हालांकि, तब भी शरद पवार ने कहा था कि ऐसा कोई गठबंधन राकांपा नहीं करेगी।


शरद का दावा- हम सरकार बनाएंगे, इसमें कोई शक नहीं
शरद पवार ने कहा- यह (अजित पवार का शपथ लेना और भाजपा को समर्थन करना) पार्टी का फैसला नहीं था और हम इसे समर्थन नहीं करते। यह कहना गलत है कि अजित की बगावत के पीछे मेरा कोई हाथ है। मेरा उससे कोई संपर्क नहीं हुआ है। उसे पार्टी से निकाला जाना है, या नहीं... इसका फैसला पार्टी स्तर पर लिया जाएगा। और, इस बात को लेकर कोई भी शक नहीं है कि महाराष्ट्र में राकांपा, शिवसेना और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाएंगे। 



अजित की शपथ में शामिल विधायक अब शरद पवार के साथ
राकांपा विधायक दौलत दरोड़ा, नरहरि जिरवाल और नितिन पवार मुंबई लौट आए। ये सभी विधायक शनिवार को अजित पवार के शपथ ग्रहण में शामिल थे। हालांकि, मुंबई लौटने पर इन सभी विधायकों ने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के प्रति समर्थन जाहिर किया। 



कांग्रेस का दावा- कभी भी विधायकों की परेड करवा सकते हैं
कांग्रेस के बाला साहब थोराट, अशोक चव्हाण, राकांपा के जयंत पाटिल और शिवसेना के एकनाथ शिंदे साथ ने सोमवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की गैर-मौजूदगी में राजभवन में मौजूद अधिकारी को विधायकों के समर्थन वाला पत्र सौंपा। पाटिल ने कहा कि इस सूची में 162 विधायकों के नाम और हस्ताक्षर हैं। हम किसी भी वक्त राज्यपाल के समक्ष इनकी परेड करा सकते हैं।


भाजपा ने कहा- बहुमत के लिए जो करना होगा, करेंगे
भाजपा नेता नारायण राणे ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने हमें जनादेश दिया था, इसलिए हमने सरकार बनाई। अब बहुमत साबित करने के लिए हमें जो कुछ भी करना पड़ेगा, हम करेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार दोनों मंत्रालय पहुंचे। दोनों ने पूर्व मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। आज उनकी पुण्यतिथि है।


नवाब मलिक का ट्वीट- हमें भी जिद है आशियां बसाने की
राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने सरकार बनाने को लेकर एक बार फिर से प्रतिबद्धता जताई और उन्होंने एक शेर ट्वीट किया। मलिक ने लिखा- अगर फलक को जिद है बिजलियां गिराने की तो हमें भी जिद है, वहीं पर आशियां बसाने की। कुछ इसी अंदाज में शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने भी ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए संदेश दिया कि मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम राज्य के इतिहास का अहम पन्ना है। उन्होंने ट्वीट किया- इतिहास बीती हुई राजनीित है और राजनीति मौजूदा इतिहास है। 


शनिवार को सुबह 8 बजे फडणवीस ने ली थी शपथ
23 नवंबर की सुबह 5.47 मिनट पर केंद्र ने महाराष्ट्र में जारी राष्ट्रपति शासन को हटाने की घोषणा की थी। इसके बाद शनिवार सुबह 8 बजे देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं, राकांपा नेता और शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।